Translate

Wednesday, April 16, 2014


भारतीय मान ले नेहरूवंश समाप्त..!

एक सवाल उत्तरप्रदेश (इलाहाबाद) से भी

 

आदरणीय गांधी और नेहरू परिवार जहा तक याद है !

 

आनंद भवन, स्वराजभवन  उत्तरप्रदेश (इलाहाबाद)  मे है और पूरी दुनिया उसे गांधी और नेहरू परिवार के बारे मे वही से जानती है मै इलाहाबादी ही हूँ ओर पुरे फक्र के साथ कहता हूँ कि उत्तरप्रदेश( इलाहाबाद) की माटी से मेरा गहरा रिश्ता है...पर एक सवाल जिसका जवाब मैं जानना चाहता हूँ  और ये सवाल पूरे उत्तरप्रदेश (इलाहाबाद)  की तरफ गांधी और नेहरू या खान परिवार  से  या पूछना चाहता हूँ की आखिर क्या कारण  था की आज आपका उत्तरप्रदेश- इलाहाबाद से कोई रिश्ता नजर ही नही आता.. इलाहाबाद क् नाम बस इतिहास कि किताबों भर में रह गया.. आप को इलाहाबाद से कोई प्यार नहीं चलो मान भी लिया की राजीव ,सोनिया, राहुल ,या प्रियंका जो नई पीढ़ी है उसकी भावना ना जुड़ी हो  या ये कहे कोई लेना देना हो लकिन क्या जवाहर लाल नेहरू का भी कोई रिश्ता यहा की जनता या इलाहाबाद से नहीं था ,

क्या कोई नातानही . !

कोंग्रेस पार्टी के प्रमुख या ये कहे वह् परिवार  जो आज तक सत्ता में काबिज है उसकी जड़ें जुड़ी है इलाहाबाद से...जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद (मीरगंज) की उन्ही तंग गलिओं मे एक माकन मे पैदा हुए थे.. बस वक्त का उलट फेर है .आज उस गली को देखे तो गली के एक तरफ स्त्री को सजाने के लिये सोनी ( सोनरो) की दूकान है तो दूसरी तरफ होता है एक ऐसा कारोबार जहां इज्जतदर आदमी का जाना गुनाह कि नजरों से देखा जाता है यहा रोज़ कोई ना कोई स्त्री किसी किसी मज़बूरी मे खुद को बेचने के लिया तैयार है ..! कुछ दलाल हर वक़्त आस पास चहल कदमी करते हुए नज़र जायेगे, और चंद पैसे के दम पर स्त्री की अश्मिता और उसके शरीर को खरीदने वालो की तो लाइन ही लगी रहती है

 

बस ओर क्या कहे मीरगँज के बारे में यहा के निवासी भी उम्मीद करते है कभी तो उनका भला हो...

मीरगंज अपने आप मे काफी समृद्ध इसी बात पर हो जाता है की उस जगह पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री का जन्म स्थान है 14 नवंबर 1889 पर यहाँ पैदा ओर पले बड़े ! साथ हे उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित का भी जन्म स्थान इलाहाबाद रहा उसके वाबजूद

 

क्या मिला इलाहाबाद को इलाहाबाद  की जनता को मीरगंज की ही बात करते है आप का जनम स्थान रहा है पर सवाल ये आपने  उस  का ही कितना विकास कर दिया...?

 

एक बहुत पुरानी कहावत याद रही है ----- कुत्ता भी जहा कुछ देर बैठ जाता है उसके आस पास की जगह खुद ही साफ़ कर देता है ---कैसे या भी बता देता हैं अपनी पूछ से शयद कभी देखा भी हो आप सभी  ने ! नेहरू परिवार के पास तो सरकारी तंत्र मौजूद था सत्ता थी पावर था पैसा था लोग थे फिर क्यों कुछ नया कुछ अलग कुछ सही नहीं हो पाया आज तक नेता, पार्टी, कीचड़ फेकने के सिवा और जब उसी कीचड़ मई कमल खिल गया तो उसे भी उखाड़ फेको

 

सुना हैं देखा भी हैं और सही भी हैं कीचड़ मे ही कमल खिलता हैं और मीरगंज जैसे कीचड़ मे कमल खिला भी जवाहरलाल नेहरू जैसा कमल ---- फिर उस कमल का विकास हुआ तो कीचड़ का उद्धार क्यों नहीं  --

या क्यों या समज़ा  जाये कीचड़ से कमल निकला और मुस्कुरया फिर बोला  तुम रुको मै आया  कुछ ऐसा ही हा इसे भी अलग आप बताये

 

कोतवाली के बिलकुल बगल मे स्थित इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से मात्र 5 km   की दुरी पर स्थित व्यपारिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र भी है  मीरगंज मे पूरे गंगापर ,यमुनापार, फूलपुर , प्रतापगढ़ और कौशाम्बी  तक के व्यपारी- ग्राहक किसी किसी  कारण से आते जाते है फिर वो चाहे थोक खरीदारी हो या शादी ब्याह की तैयारी बिना इस इलाहाबाद बाद के चौक आये किसी का काम नहीं  चल पता और वही पर चौक के बचो बीच स्थित है मीरगंज पंडित कहू  या और बहुत सारे उपनाम है नेहरू जी केजो भी आता है वो एक बार ज़रूर दिल से सोचता है और  बोलता है  (.................) कही के नहीं हुए शयद यही कारण  है की कश्मीर से आगरा , इलाहाबाद,

 

, इलाहाबाद से बरेली और फिर अमेठी अगर अमेठी और बरेली का चुनाव ये लोग हर गए तो ये निश्चित है की कल कोई नया शहर इन्हे ज़रूर अपना ले ! लकिन क्यों ये किसी शहर को अपना नहीं पा रहे !

अभी हाल मे मीडिया के माध्यम से हे जाना की राहुल गांधी के पास अमेठी का निवास तक नहीं  है और एस. डी. एम. अमेठी देने से मन कर दिया क्यों सवाल.. तो बनता है आख़िर क्यों क्यूँकि आप कही के है ही नहीं  .. अपने घर के, समाज के, प्रदेश के, धर्म के, ये फिर -- कहा जाये तो देश के भी नहीं आखिर क्या कारण था की सोनिया ने राजीव से शादी के 18 साल बाद भारत की नागरिकता अपनाई जो हक़ और अधिकार उनको भारत का सविधान उसी पल पर दे चूका था उसे अपनाने मे 18 साल लागा दिया जाये तो फिर भारत के विकास मे तो कितना समय और लगाया जायेगा इसका अनुमान लगाना थोड़ा आसान ज़रूर हो जाता है  !

 

अगर आज आप ये बात कहते  है की आप ही  भारत की बात कर  रहे है तो जहा पैदा हुए  बड़े हुए उसकी बात कौन करेगा आप को लगे ये सवाल गैरज़रूरी लगे , फिरभी सवाल बनता  है  शयद  आप को याद भी हो लकिन इलाहाबाद मे मीरगंज नाम की एक बदनाम गजह आज भी है!  वही से आप का नाता है उस नाते  के खातिर खुद के परिवार के नाम के खातिर भी आप लोगो ने मीरगंज की  कभी सुध ले ली होती विकास तो  सभी कर रहे है खुद का भी देश का भी लेकिन पल- पल, दल , दिल औरख्याल  बदलना  ज़रूरी  है क्या कश्मीर  से मोती  लाल नेहरू आये  , इलाहाबाद से जवाहरलाल नेहरू गए, अमेठी

राहुल

  पहुंच गए रायबरेली सोनिया  अच्छा है आना जाना तो लगा ही रहता है हर कोई कही कही से आता है और कही चला जाता है  क्या इलाहाबाद को मान लेना चाइये की नेहरू वंश की समाप्ति हो चुकी है जिसको मोतीलाल नेहरू ने बनाया जवाहर लाल नेहरू ने सजाया उसे राजीव, सोनिया और राहुल भुला चुके है !  आप लोग भी उसी हर कोई मे शामिल है अगर हा तो बताये देश की जनता को……

खुद को भी ….  गांधी वादी नेहरू वादी टोपी की लाज क्यों नहीं बचाई जा रही इलाहाबाद के मीरगंज  मे आखिर किस महा पुरुष  या किस वक़्त का इंतज़ार किया जा रहा है जब तक वो पूरे भारत का सब से बड़ा चकला घर बन जाये या एशिया का जैसे कलकत्ता  मे है उसमेसुधर या उनका पुनरुद्धार इलाहाबाद का विकास की बात ही छोड़ दो इलाहाबाद जिसने देश को 4 – 4  प्रधान मंत्री दिया आखिर उसे क्या मिला विचार इस बात पर करना ज़रूरी है

अब एक बात इलाहाबाद से थोड़ा बहार निकल  कर पूरे उत्तर प्रदेश से भी और पूरे देश से भी करना चाहूँगा

क्यू की नेहरू गांधी परिवार सिर्फ अलाहाबाद का ही प्रतिनिधित्व नहीं करता है बल्कि कायदे से कहे तो पुरे उत्तर प्रदेश के प्रति उनकी जवाबदेही होनी चाहिए ! उन्होंने जिस उत्तर प्रदेश की बदौलत स्वतंत्रता के बाद से अबतक सत्ता सुख भोगा उसके लिए क्या किया,  और नहीं कुछ किया तो क्यू नहीं किया आप एक नज़र में देख सकते है स्वतंत्रता के बाद से अबतक कांग्रेस का सत्ता पर काबिज होने का दौर

 

Jawaharlal Nehru (1947–1964)

Gulzarilal Nanda (May–June 1964 and in January 1966)

Lal Bahadur Shastri (1964–1966)

Indira Gandhi (1966–1977, 1980–1984)

Rajiv Gandhi (1984–1989)

P.V. Narasimha Rao (1991–1996)

Manmohan Singh (2004–) से अबतक )

 

सासन की बाग़ डोर सम्हालने के इस समाया-अवधी में क्या किया कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश के लिए , उत्तरप्रदेश की होने के नाते उत्तरप्रदेश में जन्म लेने के नाते कांग्रेस से एक सवाल पूछ रह हूँ , जो उत्तर प्रदेश पुरे सरकारतंत्र को बनाने - बिगाड़ने में अपनी अहम भूमिका रखता है !  उसके लिए क्या किया कांग्रेस ने ...........!!

 

जिस कांग्रेस पार्टी की स्वतंत्रता के बाद गांधी जी ने देश से  समाप्ति करने का आह्वान किया वो कांग्रेस पार्टी भारत में अबतक ज़िंदा क्यू है ....! 1947 में अंग्रेजो के हाथो से स्वतंत्रता मिलने के बाद , अंग्रेजो के भारतीय नाती - पोतो ने देश में आंतरिक तानासाही का दौर अबतक क्यू बरकरार रखा , महात्मा गांधी जी के नाम पर वोट की राजनीति करने वाले नेहरू गांधी परिवार के भेड़िये गांधी की एक बात क्यू नहीं मान पाये अबतक क्यू जिन्दा है कांग्रेस पार्टी अबतक भारत में ...............!! यह सवाल मेरा संपूर्ण उत्तरप्रदेश की तरफ से , संपूर्ण भारत के तरफ से कांग्रेस पार्टी से है ......!  इटली की सोनिया गांधी भारत के विकास का सपना नहीं देख रही है बल्कि भारतीय राजनीती का भूमंडलीकरण करके भारत की सत्ता की बाग़ डोर इटली के हाथ में रखने का सपना देख रही है ..............

 

अब जागने की जरुरत है भारत की राजनीति में विशुद्ध भारतीय बेयक्तित्वा को लाने की जरुरत है   ! 63 साल तक बहुत पि लिया हमने सौतेलेपन का विष किन्तु अब और नहीं !

जबतक भारतीय राजनीती में विशुद्ध भारतीय का प्रवेश नहीं होगा , तबतक अंग्रेजो के बाद अब उनके नाती - पोते जो भारत में रह गए है और भारतीय होने हा छद्म दवा करते है वो हमे नोच कर कहते रहेंगे और हम दुनिया के सामने अपमानित होते रहेंगे सर झुक कर जीते रहेंगे !!

जय हिन्द ...... !!

 

सोचिये और चिंतन करिये चलते - चलते दो सवाल आपके लिए भी छोड़े जा रह  इस विस्वाश के साथ की जवाब मिलेगा मुझे ही नहीं पुरे उत्तर प्रदेश को ............................! !

 

1-एक नेहरू गांधी परिवार जो उत्तर प्रदेश से सबंध रखता है और

उत्तर प्रदेश की बदौलत 63 साल देश की हुकूमत की बागडोर सम्हाली उसने उत्तर प्रदेश के लिए क्या
किया आज मेरा सीधा सवाल गांधी नेहरू परिवार से संपूर्ण उत्तरप्रदेश की जनता की तरफ से .................!!! अगर इस बूढी कांग्रेस के नुमाइंदे उत्तर प्रदेश अपने बिर्थप्लेस के प्रति अबतक उदासीन रहे तो फिर जनता एक स्वर में उनका विरोध कर के उन्हें जड़ से उखाड़कर फेकने के लिए आगे आने में अब बिलम्ब क्यू कर रही है !!

2-
एक नरेंद्र भाई मोदी जिसने गरीबी से सुरुआत की और सत्ता मिली तो मात्र 12 साल में अपने जन्मभूमि अपने बिर्थप्लेस पर विकाश की ऐसी गंगा बहाई की आज भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व गुज़रात की तरफ नज़र लगाए बैठा है फिर इस विकास पुरुष का पूरा देश अपनी बाहे फैलाकर स्वागत क्यू नहीं कर रहा .... !!

 

प्रदीप दुबे

pdpjvc@gmail.com

+91-7827773177

 

 

 


No comments:

Post a Comment