जीजा जी ,बहन जी
टू जी-थ्री जी और जीजा जी से आप सभी परचित होगे लेकिन आज हम आप के सामने बहन जी पर बात करना चाहते है बहन जी को हल्के मे लेने की ज़रुरत नहीं है क्यों की बहन जी ही वो कड़ी है जो सरकार बनती - चलती और गिरती है अपने आप मे य बहन जी सरकार है होम मिनिस्टर से ले कर प्राइम मिनिस्टर तक शयद ही नहीं यक़ीनन है, ये 4 जी कोंग्रस के पतन का करण बानी सभी बातो का वृहद चर्च करना ज़रूरी है.! आखिर हार का विस्लेसन हर पार्टी ने अपने अपने हिसाब से किया तो आम आदमी का भी हक़ बनता है इस पर अपनी बात या राय सुमरि करने का सो कह रहा हूँ ( लेकिन यहाँ आम आदमी से मतलब आप पार्टी से बिलकुल नही है इस लिया ध्यान दे की कजरी बाबू से या उनकी टीम के बारे म कोई चर्चा नही होने जा रही है आम आदमी मीन्स मैंगो पीपल जिसको सभी सिर्फ चूसते या नीचोडते है जिनका खून भी पसीने की तरह बहता है और दुःख पहाड़ से भी जादा बड़ा होता है यहाँ बात इन्ही आम आदमी की, जायेगी ), २ जी , ३ जी और जीजा जी पर भरी पड़ी बहन जी , बहन जी के साथ पंगा लेना मह्गा पड़ गया कोंग्रस पार्टी को और सत्ता का सुख हाथ से निकल गया.!
टू जी-थ्री जी और जीजा जी से आप सभी परचित होगे लेकिन आज हम आप के सामने बहन जी पर बात करना चाहते है बहन जी को हल्के मे लेने की ज़रुरत नहीं है क्यों की बहन जी ही वो कड़ी है जो सरकार बनती - चलती और गिरती है अपने आप मे य बहन जी सरकार है होम मिनिस्टर से ले कर प्राइम मिनिस्टर तक शयद ही नहीं यक़ीनन है, ये 4 जी कोंग्रस के पतन का करण बानी सभी बातो का वृहद चर्च करना ज़रूरी है.! आखिर हार का विस्लेसन हर पार्टी ने अपने अपने हिसाब से किया तो आम आदमी का भी हक़ बनता है इस पर अपनी बात या राय सुमरि करने का सो कह रहा हूँ ( लेकिन यहाँ आम आदमी से मतलब आप पार्टी से बिलकुल नही है इस लिया ध्यान दे की कजरी बाबू से या उनकी टीम के बारे म कोई चर्चा नही होने जा रही है आम आदमी मीन्स मैंगो पीपल जिसको सभी सिर्फ चूसते या नीचोडते है जिनका खून भी पसीने की तरह बहता है और दुःख पहाड़ से भी जादा बड़ा होता है यहाँ बात इन्ही आम आदमी की, जायेगी ), २ जी , ३ जी और जीजा जी पर भरी पड़ी बहन जी , बहन जी के साथ पंगा लेना मह्गा पड़ गया कोंग्रस पार्टी को और सत्ता का सुख हाथ से निकल गया.!
अब यहाँ ऐसा लगता प्रतीति हो रहा है की आप सभी यहाँ बहन
जी से मतलब बहन कुवारी मायावती जी से लगा रहे है इस आर्टिकल का सार ही बहन जी है न
की मायावती जी , थोड़ा ध्यान केंद्रित करे तो बहन जी की महिमा जग जाहिर हो जाये गी इतनी
शक्तिसाली है हमरी देश की या बहन जी क्या बताये
फिलहाल एक नज़र बाकि जी पर डालने के बाद पुन बहन जी की महिमा का गुड़गान करने के लिया वापस आता हूँ
आज़ादी के बाद से
२०१४ तक भारत मे बार बार कोंग्रस की ही सरकार जादा देखने को मिली है देखे कौन कौन सत्ता
मे था उस वक़्त और क्या क्या गुल खिलाये विकास भी हुआ घोटाला भी और भी बहुत कुछ
हुआ बस होता ही गया गरीब और भी जादा गरीब आमिर और भी जादा
आमिर.! नेता जी मस्त पब्लिक त्रस्त हर तरफ
सरकार घोटालो को करने मे, फिर उनको छुपाने मे व्यस्त , १०० सवालो की आबरू को बार बार
कोंग्रस ने बचाया चुप रह कर, और एक सूत्री
कार्यक्रम घोटाला ,घोटाला और अंततः घोटालो
की सरकार बन कर विश्व कृतिमान भी बनाया....!
Jawaharlal Nehru (1947–1964)
Gulzarilal Nanda (May–June 1964 and in
January 1966)
Lal Bahadur Shastri (1964–1966)
Indira Gandhi (1966–1977, 1980–1984)
Rajiv Gandhi (1984–1989)
P.V. Narasimha
Rao (1991–1996)
Manmohan Singh
(2004–2014 )
टूजी
स्पेक्ट्रम घोटाला स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला है। भारत
के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घोटाला एक लाख छिहत्तर
हजार करोड़ रुपये का है। इस घोटाले में विपक्ष के भारी विवाद के बाद संचार मंत्री
ए राजा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। साथ सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले में
प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर संचार
मंत्री की नियुक्ति के लिए हुई लॉबिग के संबंध में नीरा राडिया, पत्रकारों, नेताओं
और उद्योगपतियों की बातचीत के बाद सरकार कठघरे में..!
टूजी
घोटालो
के साथ ही भारत देश पर हुए प्रमुख घोटालो
पर एक सरसरी नज़र डाले तो आप को भी यकीन हो जायेग की या देश अपनी
संस्कृति के साथ घोटालो के लिया भी जाना जाता है जय हो
हिनुस्तान की
बोफोर्स
घोटाला - 64 करोड़ रुपये
यूरिया घोटाला - 133 करोड़
रुपये
चारा घोटाला - 950 करोड़
रुपये
शेयर बाजार घोटाला - 4000 करोड़ रुपये
सत्यम घोटाला - 7000
करोड़ रुपये
स्टैंप पेपर घोटाला - 43 हजार करोड़ रुपये
कॉमनवेल्थ
गेम्स घोटाला - 70 हजार करोड़ रुपये
2जी स्पेक्ट्रम
घोटाला - 1 लाख 67 हजार करोड़ रुपये
अनाज घोटाला - 2 लाख
करोड़ रुपए (अनुमानित)
कोयला खदान
आवंटन घोटाला - 192 लाख करोड़ रुपये
अक्सर सुनने मे आया की संसद मे ऐसा होता है वैसा होता है जैसे
राज्य सभा की सदस्यता १ करोड़ में खरीदी जा सकती है।,संसद में प्रश्न पूछने के लिए
पैसे लेना!,पैसे लेकर विश्वास-मत का समर्थन करना!,राज्यपालों, मंत्रियों आदि द्वारा
विवेकाधिकार का दुरुपयोग!, साथ ही बहुत सी बाते जो मीडिया के माध्यम से ही लगातार सुनने
और देखने को मिलती है भारत के (जनता) जान मानस को की हमरे नेता जी जो की मंत्रियों,
सांसदों, विधायकों उनकी सम्पत्ति एक-दो वर्ष
में ही तीन -चार गुनी हो जा रही है.!
जीजा जी हे बताये उद्योग पतिया मे अपने आप मे अपवाद है महज
कुछ ही सालो मे अरबपति बन गए ऐसा कौन सा बिज़नेस
करते है जीजा जी देश की जनता को बताये क्यों की पैसे की भूख सिर्फ आप को ही नहीं सभी को है राहुल जो रिक्शा
चलाता है दिन का २०० कमाता है वो भी २०० करोड़ कमाने की इच्छा रखता है बस फर्क इतना
है वो देश का जीजा जी नहीं बन पाये क्या या उसकी गलती है या सराफत .!
भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा"
- ये कहना है स्विस बैंक के डाइरेक्टर का. स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है
कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है . ये रकम इतनी है
कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है.
घोटलो का देश भारत जहा आये दिन एक न एक घोटाला सामने आता है आखिर इतना
घोटाला किस बात पर जहा देश की जनता से हाथ जोड़े जोड़े कर वोट मागे जाते है उसके बाद लगातार सरकार मे रह कर मनमानी
से वसूली या देश के विकास के साथ धोखा कर
कर के घोटलो को अंजाम देने वाले नेता जी हमरे महान देश के महान नेता,
साबित क्या करने चाहते है उनमे लाज शार्म हया
समाप्त हो चुकी है
कोंग्रस ने बार बार कुछ ऐसे फैशले अपनी आदूरदर्शिता को दीखते हुए किया जिसका खामियाजा उसे इस बार देखने
को मिला आम ज़रुरत की आम चीजो के साथ जो खिलवाड़ किया गया पेट्रोल डीज़ल की बात
ही नहीं कर रहा हो , न ही सिंगरेट या शराब
की..! आम आदमी की बहुत आम सी बात रसोई गैस की हो रही है जिसे हर बहन जी प्रभावित
होती है चाहे वो सौखिया खाना बनती हो या परिवार के लिया रोज खाना पकती हो भारतीय नारी,
माननीय सोनिया गांधी जैसा सौभाग ले कर पैदा नहीं हुई है की नौकरो की फ़ौज हो और बिना
हाथ पैर हिलाये सब कुछ हाज़िर हो जाये आम घर आम जनता या आम परिवार की बात करे तो बात
बहुत ही साफ़ हो जाती है २ सौ रुपये रोज का कमाने वाला जिसे ४ बच्चे और एक बीबी है शयद
वो भी खाना खाने का उतना बड़ा अधिकरोि है जितना सोनिया गांधी या एक आम सोनिया नाम की
बहन जी या रिक्शा चलने वाला राहुल या कोंग्रस के युवराज राहुल गांधी दोनों मे अंतर सिर्फ इतना है की किसी के जेब मे २०० सौ नहीं होते पूरे दिन रिक्शा चलने के बाद तो यहाँ राहुल
गांधी २ करोड़ से कही जादा एक रैली मे खर्च
कर देते है बात को जादा न भटकते हुए सीधे मुद्दे पर आते है और रसोई गैस का महत्व पर
बात करते है. एक टाइम था की उन्लिमटेड रसोई गैस हमे या आम राहुल जो की रिक्शा चालक
है उसे मिला करती थी फिर 12 हुई फिर 6 हुई उस पर भी दुनिया भर का परपंच बैंक का झमेला
रिफंड पैसा वह से मिलेग वह से मिलेग या ब्लू
बुक जिसके नाम पर है. वही गैस लेने जाये ग या फिर आइ ई डी प्रूफ दिखा सिर्फ फोटो मिलान से काम नहीं चलेगा और
भी तमाम प्रकर के नियम.! और आखिर मे लोकसभा
चुनाव को ध्यान मे रखते हुए राहुल गांधी ने एक अहसान किया और 6 से फिर 9 घरेलू गैस उपलब्ध करा कर जग जीत लिया और सोचा की सत्ता दुबारा हाथ आते ही 9 से 3 कर दूगा
कोई क्या कर लेगा.! भारत हई -टेक हो रहा है
जैसे- मुरली मनोहर जोशी हई -टेक नेता बने और
अपनी इलाहाबाद की सीट गवाने के पीछे का सब
से बड़ा कारन हई-टेक होना ही है शयद वो मुरली मनोहर जो न घर के रहे न घाट के फिर भी
मोदी नाम का सहारा और मोदी के लिया बनारस की सीट छोड़ने का उनका फ़ायदा मिला वो कहते
है न डूबते को तिनके का सहारा तो यहाँ तो मोदी नाम का पहाड़ ही खड़ा था मुरली मनोहर के
साथ.!
हई टेक होना अच्छी बात बहुत अच्छी बात लेकीन अगर हई टेक
जनता भी हो तब न इसका फ़ायदा मिलेग. चुनाव आयोग
या किसी राजनेता ने सोचा की या वोट पर्सन्टेज कभी 100 % क्यों नहीं होता सोचने का और विमर्श करने का विषय है क्यों की भारत देश आज भी गाव मे ही बस्ता है और जहा शहर या जो
नौकरी पेश हो गया वो गुलाम हो गया है उसके पास फुर्सत ही नहीं अपने बीबी बच्चो के लिया फिर
एक दिन की छुट्टी मिली तो वो बीबी बच्चो की शॉपिंग करेगे या देश के लिए वोट... इस हई टेक राजनीती और हई टेक व्यवस्था का सीधा लाभ
उन्ही को मिलता है जो लोकतंत्र का हिस्सा नहीं
बनते जो वोट डालना चिलचिलती धूम मे
बहार नहीं निकलना पससंद करते हमरी बहन जी लोग
जो वोट लाइन लगा लगा कर देती है शयद सरकार
या भूल जाती है बहन जी का भी कुछ योगदान है.! जो गावो मे बस्ती है जिनको आईटी , या
हई- टेक से कोई मतलब नहीं इनको सड़क बिजली पानी,
हॉस्पिटल और रोजगार चाइये, देश की हर बहन,
बेटी, माँ जो सरकार रूपी भाई को वोट रूपी राखी हर 5 साल मे बांधती है सिर्फ इस लिया की आप उनकी रक्षा विकास और भारत माता के साथ न्याय करोगे लेकिन गोवेर्मेंट बनते ही (टू जी-थ्री जी
और जीजा जी ) जी का खेल चालू हो जाता है बहन
जी का वोट / राखी का महत्व शून्य हो जाता है और उनका घर मे खाना बनाए के लिया न तो
गैस मिल पति है न सब्जी न ही दूध और न ही उनकी ज़रुरत का सामान सब्सिडी जारी रहती है
और उसका फ़ायदा हई- टेक लोगो को मिलता रहता है राहुल और सोनिया जैसे लोग जो आमिर है
वो तो लाखो से करोड़ रोज कमाते है और दूसरी तरफ ही राहुल जो रिक्शा
चलता है और घर पर सोनिया जो खाना बनती है उनको भुखमरी गरीबी मे ही जीवन चलन पड़ता
है
आखिर क्यों एक नियम नहीं बनता की सब्सिडी भी उन्ही को मिलेगी जिनको उसकी
ज़रुरत है वोटिंग करना ही करना है ऐसा एक नियम क्यों नहीं बनता! जनसँख्या
पर रोक लगाने के लिया कोई नियम क्यों नहीं
बनता हम २ हमरे २ बहुत सुना प्रचार प्रसार भी कुछ दसक पहले बहुत किया गया फिर उसे कानूनी
जमा क्यों नहीं पहना दिया जाता वोट की राजनीती बंद क्यों नहीं होती और विकास की बयार की बात क्यों नहीं की जाती बताये सोनिया राहुल ही बताये.
आज लोकशभ चुनाव 2014 मे हार जी ज़िमेदारी लेने की होड मचा राखी है मनमोहन राहुल
और सोनिया ने फिर इन घोटलो की ज़िमेदारी क्यों नहीं लिया गया अब तक! इस पर जांच बिठा कर लीपा पोती क्यों
की जा रहे है आरोपी को जमानत पर रिहा कर के सारे पेपर गायब कर के जांच को प्रभावित
करने के लिया..! हर आरोपी को खुला छोड़े दिया
गया है ! कभी घोटालो की वजह से पार्टी
की मीटिंग हुई हो ऐसी भी कोई खबर मीडिया पर नहीं आई आज तक और आज चुनाव हारने का दुःख
मलाल जाहिर किया जा रहा है जब जनता ने आप को नाकार दिया आखिर ऐसा क्यों हुआ आप ने क्या निष्कर्ष निकला
इसे भी जनता के सामने सकर्वजनिक करे हार का कारण जो कारण आप ने स्वीकार किया...!
कोंग्रस के नेता ने जब महात्मा गांधी जी की बात ही नहीं मानी तो आम जान मानस की बात कैसे मानती या तो अब
सभी जान चुके है महात्मा गांधी ने नेशनल कोंग्रस को आज़ादी के बाद समाप्त करने की बात
कही तो फिर आखिर आज तक उनकी बात क्यों नहीं
मानी गई आज़ादी के 6 दशक बाद भी कोंग्रस का अस्तित्व इस बात की गवाही देता है
की इनको सत्ता की भूख है इनको सत्ता की लालच
है सब कुछ गवा कर भी शासन की तड़प इनके भीतर ज़िंदा रहेगी आखिर जब आप के पास अधिकार था
पावर थी देश का सञ्चालन कर रहे थे तो आप को नहीं पता चला की घोटाले हो रहा है ब्लैक
मैकेटिंग हो रही है ब्लैक मनी को छुपाया जा रहा है भारतीय पैसा विदेशो मे जमा कर के
उन्ही से भारत को कर्ज दिया जा रहा है आखिर नया क्या किया आप ने 60 सालो मे
क्या बदलाव लाये आज़ादी के बाद देश खुद बदलना चाहता था सो बदला.!आप ने क्या बदलाव किया वो बतातये आज
सभी अच्छे दिन के लिया मोदी जी की तरफ नज़र लगाये बैठे है आप क्यों नहीं ले कर आ पाये अच्छे दिन .! आप ने तो घोटाले कर कर
के राते काली कर दी न बिजली न पानी न सड़क अच्छे दिन की कल्पना भी की तो बीजेपी ने आप
ने क्यों नहीं की आप भी तो कर शकती थी,जनता को मुर्ख ख़ास कर के देश की बहन जी को मुर्ख
बनाना बंद करना होगा! उनके वोट को राखी समझा
होता तो इतने घोटाले न हुए होते इतनी मेह्गाई न बड़ी होती और आज देश की सारी
बहन मिल कर कोंग्रस का सफैया न की होती हर
परिवार मे बहन जी की ही चलती है जैसे संसद मे सोनिया जी की चलती थी तो एक को नाराज
किया तो पूरा घर नाराज हुआ फिर पूरा गाव , पूरा जिला , पूरा प्रदेश , और अंत मे पूरा
देश ही उठ खड़ा हुआ ! और अच्छे दिन आ गए और बहुत जल्दी अच्छी रात भी आ जाएगी .
प्रदीप दुबे
pdpjvc@gmail.com
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