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Tuesday, October 7, 2014

बकरीद के पाक मौके पर हिंसक होकर पाकिस्तान ने मानवता को किया शर्मसार !!



मौका और दस्तूर के हिसाब से तो सोमवार का दिन भारत और पाकिस्तान दोनों देशो के लिए बकरीद की दावत लेने देने का था साथ ही हर गिले - शिकवे भूलकर गले लगने का भी था !
किन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और जो हुआ वह मानवता को शर्मसार करने वाला हुआ ! पाकिस्तानी रेंजरों ने जम्मू के अरनिया सेक्टर में निर्दोष ग्रामीणो पर जो कहर बरपाया बेगुनाहो का जो रक्त बहाया, जिस प्रकार से निर्दोष लोगो की जाने गई उसे पाकिस्तान की तरफ से बकरीद के मौके पर ईदी तो नहीं कहां जा सकता क्यों की ईद पर ईदी मिलना ख़ुशी का
इज़हार है लेकिन बकरीद पर पाकिस्तान की तरफ से अरनिया के निर्दोष लोगो को जो गोली बारूद मिला उससे समूचे जम्मू कश्मीर में मातमी माहौल बन गया !
आज मैं समूर्ण विश्व के मुस्लिम समुदाय से एक सवाल करता हूँ की बकरीद के मौके पर पाकिस्तान ने जो किया
क्या वह इससे खुस है ......................?
अगर नहीं तो प्रतिक्रिया के रूप में भारत को क्या करना चाहिए ....?
क्यों की बीते सोमवार को जो घटा उसमे सिर्फ हिन्दू परिवार ही शामिल नहीं है बल्कि ज्यादे संख्या तो हमारे मुसलमान भाइयों की ही है ! अगर पाकिस्तान बकरीद पर इस तरह की गतिविधि को अंजाम देकर अपने ही मुस्लिम भाइयो को परेसान कर रहा है फिर पाकिस्तान की मंसा क्या है ....?
यानी पाकिस्तान ने इस ईद पर जो किया उससे यह तो साफ़ हो गया की पाकिस्तान न इस्लाम की स्थापना चाहता है न राम का खात्मा चाहता है वह तो बस मानवता पर कहर ढाकर खुद को हिंसक बनाये रखना चाहता है ! एक डर बनाये रखना चाहता है इस सोच के साथ की विश्व समुदाय में उसकी धौंस बानी रहे  !
पाकिस्तान ने जो किया उसे ना जाने किस - किस रूप में लिया जा रहा है किन्तु मैं सिर्फ मानवता के आईने में पाकिस्तान की तस्वीर देखना और दिखाना चाहता हूँ आज दुनिया को ! साथ ही यह भी दरख्वास्त करना चाहता हूँ की पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कोई ऐसी राह निकाली जाए जिससे इस कृत्या के बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में अकेला पड़ जाए और यह सजा ही उसे यह सोचने पर मजबूर कर सकती है की मानवता के हत्यारे के लिए विश्व उपेक्षा कितना महत्वा रखती है !
क्योकि  स्वतंत्रता के बाद से जब - जब पाकिस्तान ने भारत पर अनायास कहर बरपाया या युद्ध थोपा उसे कही न कही से सह मिलता रहा किसी न किसी की पैरवी उसके लिए होती रही ! इससे एक के बाद एक घटना जम्मू कश्मीर में होती रही वहां की निर्दोष जनता इसकी गवाह बनती रही शिकार बनती रही !
1971 से लगातार पाकिस्तान उत्पात मचाता आ रहा है और जब जब उसके उत्पात बेहिसाब हुए है, पाकिस्तान जब जब बेअंदाज हुआ है भारत ने मजबूर होकर उसे सबक सिखाने का रास्ता अख्तियार किया है ! युद्ध हमेशा पाकिस्तान ने भारत पर थोपा कभी भारत की मंसा नहीं रही की वह पाकिस्तान पर युद्ध थोपे या पाकिस्तान से युद्ध करे भारत ने हमेसा चाहा पाकिस्तान भी तरक्की की राह पर चले मानवता को अपनाये लेकिन पाकिस्तान ने हमेसा भारत को मजबूर किया आज भी पाकिस्तान जो कर रहा है उसका हिंसक जवाब देने पर अगर भारत आमादा हो जाए तो या तो 1971 की स्थिति होगी पाकिस्तान के सामने या फिर 1998 की तरह कराची में अपने जीत का झंडा गाड़े भारतीय सेना खड़ी होगी !
1998 में जिस तरह पाकिस्तान को भीख के रूप में करांची लौटाया गया था भारत द्वारा पाकिस्तान के मुह पर वह एक तमाचा था ऐसा तमाचा जिसकी आवाज़ पुरे विश्व में गूंजी थी ! भारत के उस झन्नाटेदार तमाचे की चीख पूरी दुनिया ने सुनी थी ! इसमे कोई सक नहीं की आज अगर पाकिस्तान की हिंसक कार्रवाही का जवाब देने के लिए भारत सरकार भारतीय सेना के हाथ पैर पूरी तरह खोल दे तो भारतीय सेना कराची और रावलपिंडी में कब्ज़ा जमाये मिलेगी ! किन्तु इस कब्जे से मानवता आहत होगी आहत होंगे तमाम निर्दोष और अमन चैन पसंद हमारे मुस्लिम भाई हमारे मुस्लिम परिवार !

बीते कुछ वर्ष पूर्व जिस तरह तालिबान को लेकर पाकिस्तान चर्चे में रहा और दुनिया की नज़रो में तालिबान के लिए
पाकिस्तान की हमदर्दी खटकी उससे यह आज भी साफ़-साफ़ समझा जा सकता है की अपनी हिंसक गतिविधि के लिए पाकिस्तान ऐसे भी दुनिया की आँख की किरकिरी बन चूका है ! कट्टर पंथियों के आगे मिया नवाज़ सरीफ की कितनी चलती है पाकिस्तान में यह तो अब प्रत्यक्ष हो गया  ! अब अगर यह कहां जाए की मिया नवाज़ सरीफ कट्टरपंथियों के हाथो की
कठपुतली मात्र है तो इसमें कोई दो राय नहीं है क्यों की बकरीद के मौके पर जम्मूकश्मीर में जो हिंसक घटना हुई पाकिस्तान की सेना द्वारा इसमें पाकिस्तान सरकार की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता क्यों की पाकिस्तान में हूकूमत की भूमिका के बिना सिर्फ सेना द्वारा यह निर्णय ले लेना और घटना को अंजाम दे देना सम्भव नहीं है ! इस घटना के पीछे चरमपंथियों - कट्टरपंथियों का भी हाथ है हम अगर बिना हिचक बिना संकोच कहे तो चरमपंथियों - कट्टरपंथियों के सामने पाकिस्तान की वर्तमान सरकार भी हथियार डाल चुकी है और एक तरह से तीनो की मिली भगत का ही परिणाम है पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा जम्मू के अरनिया में निर्दोष जनता पर गोलीबारी !

भारत के खिलाफ किसी भी हिंसक गतिविधि को अंजाम देने से पहले पाकिस्तान को आज एक बात पर गंभीरता से सोचना होगा वह यह की आज वह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के उस  हर मुल्क की नज़र में आ गया है जो शांति पसंद, अमन पसंद है ! आज पाकिस्तान के पास तीसरी दुनिया जैसी महफूज कोई गोद भी नहीं है जहा वो हिंसा करने के बाद अपना सर छुपा सके ! क्यों की खाड़ी देशो में उथल - पुथल का जो एक दौर चला उसमे भी पाकिस्तान ने अप्रत्यक्ष रूप से खूब भागीदारी निभाई और जब तालिबान की स्थिति प्रत्यक्ष हुई तो पाकिस्तान को अपनी औकात भी समझ में आई ! 1971 की करारी सिकस्त के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर का एक अलक मुल्क के रूप में निर्माण चाहा आज भी उसकी यही मंशा है तब तो उसे कई लोगो का सरण मिला था लेकिन अब अपने सरण दाताओ के साथ भी गद्दारी करने की वज़ह से पाकिस्तान की मंसा से उसके सरण दाता भी पूरी तरह वाकिफ है ! कश्मीर में दहसत फैला कर पाकिस्तान भारत में अब एक नए तालिबान के निर्माण का सपना देख रहा है ! उसे यह भी पता है की उसका यह सपना अपने कुछ कट्टपंथियो - चरमपंथियों के सहयोग से पूरा होने वाला नहीं है बिना किसी तीसरी ताकत के सहयोग और समर्थन के लेकिन उसे यह भी याद रखना होगा की तीसरी ताकत ने तालिबान के चलते जो परेशानिया झेली है और खाड़ी देशो में तालिबान की वजह से जो उथल - पुथल रही वह अब फिर से ना दुहराया जाय !
अब पाकिस्तान के सामने सिर्फ एक रास्ता बचा है की वह मानवता की राह पर चलने की नीति का अनुसरण करे !
बेहतर होगा की पाकिस्तानी कट्टरपंथियों - चरमपंथियों के साथ बैठ कर आपस में कुछ गंभीर मुद्दो पर पाकिस्तान
सरकार गहन मनन-चिंतन,मंथन  करे और यह समझने की कोशिस भी की दुनिया अमन और तरक्की के रास्ते पर चलने के मूड में है ! उसे अब तालिबान जैसा खड़यन्त्र मंजूर नहीं ! और जो देश ऐसी गतिविधि में लिप्त है उन्हें इस गतिविधि का खामियाज़ा भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा ! अगर पाकिस्तान अभी भी नहीं चेता तो उसका भी वहीं हश्र होना निश्चित है जो बाकी कट्टर मुल्को का हुआ ! और अपने इस हश्र का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान होगा ! क्यों की भारत अकेले सक्षम है पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसे किसी तीसरी ताकत की आवस्यकता नहीं किन्तु आज अगर भारत सब्र बनाये हुए है तो उसका एकमात्र कारण मानवता की रक्षा है ! पाकिस्तान को यह भी ध्यान रखना होगा की अब अगर भारत पर उसने जबरजस्ती का युद्ध थोपा तो भारत मानवता की रक्षा के लिए उसे जवाब देगा मानवता की हिफाज़त के लिए युद्ध लड़ेगा और मानवता की रक्षा हेतु सम्पूर्ण विश्व बिना कहे उसके पक्ष में खड़ा होगा !
पाकिस्तान अब अगर अपना हित चाहता है तो जम्मू - कश्मीर को तालिबान बनाने का सपना देखना बंद कर दे क्यों की खाड़ी देशो का उद्दाहरण उसके सामने है ! और तालिबान की दोस्ती की वजह से उसकी छवि भी अब अच्छी नहीं रह गई है उसके सरण दाताओ की ही नज़र में !
बकरीद के पाक मौके पर पाकिस्तान की तरफ से जो मातमी ईदी इस बार भारत को भेजी गई जम्मू कश्मीर स्थित अरनिया सेक्टर के निर्दोष लोगो पर गोली - बारी कर के उससे आज निश्चित रूप से मानवता शर्मसार हुई है और पाकिस्तान दुनिया की नज़र में ही नहीं बल्कि अपने मुस्लिम भाई - बंधुओ की नज़र में भी गिर गया है ! आज अपने ही लोगो की हत्या कर के पाकिस्तान ने अपने मुह पर अपने हाथो कालिख पोत लिया है ! उसने अपने मुस्लिम भाई - बंधुओ की नज़र में खुद को साबित कर दिया की पाकिस्तान हिंसक मुल्क हो सकता है , आतंकी मुल्क हो सकता है , कट्टपंथी मुल्क हो सकता है , मानवता का हत्यारा मुल्क हो सकता है किंतु इस्लाम का समर्थक मुल्क नहीं, ना ही मुस्लिम समुदाय का रक्षक या हितैसी मुल्क ! क्यों की बकरीद  के दिन ख़ुशी के दिन अपने ही लोगो के खून से अपना हाथ रंगकर पाकिस्तान ने इस्लाम और सच्चे मुसलमान दोने का अपमान किया है ! आज अगर मानवता के आईने में झाँक कर देखे तो पाकिस्तान को पता चलेगा की इस बार बकरीद पर उसने किस तरह मानवता की हत्या करके  इस्लाम को  और  मानवता को शर्मसार किया है !

द्वारा -
प्रदीप दुबे

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