गजब का है :
मेरे दिल मे उसका वजूद
मै खुद से दूर
वो मुझमे मौजूद ।
मेरे दिल मे उसका वजूद
मै खुद से दूर
वो मुझमे मौजूद ।
एक आहट सी है वो
मेरी खामोशियों मे
मै दूर बहुत दूर
वो मुझमे मौजूद
मेरी खामोशियों मे
मै दूर बहुत दूर
वो मुझमे मौजूद
मै ठहर जाऊं तो वो चल पडे
है शख्सियत यों उसकी
मै खुद से दूर
वो मुझमे मौजूद
है शख्सियत यों उसकी
मै खुद से दूर
वो मुझमे मौजूद
मुझे परछाईंयो का भरोसा नही आदि और :
वो हमसाया बनकर
मेरे आगे हमरुर ,
वो हमसाया बनकर
मेरे आगे हमरुर ,
गजल की रात है
आओ खोल दे जिरह
कुछ उसका कुछ अपना
सच बोल दें
आओ खोल दे जिरह
कुछ उसका कुछ अपना
सच बोल दें
मेरे दिल मे उसका वजूद :
मै खुद से दूर
वो मुझमे मौजूद ।
मै खुद से दूर
वो मुझमे मौजूद ।
_______________________आदि परौहा
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