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Tuesday, November 8, 2016

एक रंग मात्र नहीं लाल


एक रंग मात्र नहीं लाल...।
कभी ख़ुशी से चेहरा लाल
कभी सुर्ख गुलाबी होठ लाल
तो कभी 
लाल साडी मे लगे वो कमाल
एक रंग मात्र नहीं लाल।
कभी लाल बिंदी माथे पर
कभी लाल चूड़ी हाथो पर
तो कभी
लाल लाली मुस्काये कमाल
एक रंग मात्र नहीं लाल।
डोली लाल, चोली लाल
मेहदी लाल,सिंदूर लाल
तो कभी
शर्म से, हो जाये लाल
एक रंग मात्र नहीं लाल
जब धसे किसी के सिने पर
गोली तो खून भी लाल
लाल किसी का आँखों का
किसी के आँखों के आशु लाल
एक रंग मात्र नहीं लाल।
पग लगा महावर पिया के,
अमर प्रेम की - पी की प्यारी
सदा सुहागन का करके,
सूर्ख सोलह सिगार
जब सोए सेज चिता की,
धू-धू करती जो उठे लपट
रंग उसका भी होता लाल
अंगारी - अंगारी लाल-लाल.
एक रंग मात्र नहीं लाल।
लाल रंग लाल लाल लाल।


_______आदि परौहा_______
#Adee Parauha

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