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Tuesday, November 8, 2016

सपना

सुनो :
आंखो मे मेरी
इक सपना है 
सच जैसा सपना है ,
जीने का सपना ,
अपने नेह के आंगन मे
खिलती खुशी की
चंपा - चमेली का सपना,
अपनी जीवन बगिया मे :
नन्हे नन्हे नव कोमल
उगते बढते मुस्काते
हमारी निशानी का सपना
हां हम - तुम , हम-तुम
बस हम - तुम हो
एक दूजे के सुख-दुख के
साथी ऐसा सच्चा - सच्चा
सपना ।
_________________आदि परौहा

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