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Thursday, September 11, 2014

प्रदीप




प्रदीप " प्रायद्वीप " का अपभ्रंश यानी बिगड़ा हुआ रूप है 
प्रायद्वीप का मतलब है स्थल का वह भाग जो, तीन ओर से समुद्र से घिरा हो और 
जिसके केवल एक ओर स्थल मिला हो
समुद्र से घिरा रहने वाला प्रदीप "प्रायद्वीप'" 
समुद्र में ब्युत्पन्न होने वाला प्रदीप " प्रायद्वीप " 
जब कभी-तीन नदियों से घिरे भूभाग पर ब्युत्पन्न हो जाए तो इसे 
विचित्र बिडम्बना नहीं तो और क्या कहेंगे आप की समुद्र से सबंध रखने 
वाला समुद्र में ब्युत्पन्न होने वाला आज तीन नदियों से घिर गया है ! 
हाँ मित्रो मैं प्रदीप " प्रायद्वीप" ऐसा ही हूँ प्रकृति जहाँ से जोड़कर मुझे 
प्रायद्वीप " प्रदीप" बनाती है आज मेरा वहां से कोई जुड़ाव नहीं है यानी 
समुद्र का होकर भी समुद्र से नहीं जुड़ा हूँ मैं ! और जहाँ से जुड़ा हूँ 
प्रदीप " प्रायद्वीप " की प्रकृति नहीं है ओ यानी असंभव में सम्भव है 
जो वही तो आज प्रदीप है ! 
समुद्र के साथ आज ना होकर भी भावनाओ के सागर से 
गहरा ताल्लुक रखता हूँ मैं "प्रदीप" प्रायद्वीप !
तभी तो तीन नदियों के बीच समुद्र जैसा सपना लेकर चलता हूँ 
मैं प्रदीप " प्रायद्वीप" 
मित्रो जब सुरुआत ही विचित्र है 
विविधतापूर्ण है फिर यह तो तय है 
की ऐसा विचित्र प्राणी धरती पर 
एकमात्र लेखक ही हो सकता है 
नाम की प्रकीर्ति देखे तो 
""प्रदीप '"" समुद्र , प्रायद्वीप 
जिसे स्पर्श करने नदी समुद्र तक चल कर आती है 
नदी से जिसका रिस्ता होकर भी नहीं 
होता कभी क्यों की प्रदीप " प्रायद्वीप " सागर से 
और नदी मिलो चलकर जाती है मिलने सागर में 
गंगा , यमुना , सरस्वती , भी तो गंगासागर तक चलकर जाती है 
किन्तू तीन तरफ से सागर से घिरा रहने वाला प्रदीप " प्रायद्वीप" 
ब्युत्पन्न हुआ है गंगा , यमुना , सरस्वती , के संगम पर 
एक बात और भी ध्यान देने योग्य है असंभव को सिर्फ माँ ही सम्भव कर 
सकती है तभी तो मैं गंगा , यमुना , सरस्वती ,के तट पर ब्युत्पन्न हुआ ! 
सिर्फ समुद्र ही नहीं जन्म दे सकता प्रायद्वीप " प्रदीप को " 
एक माँ तीन नदियों के संगम पर भी प्रायद्वीप " प्रदीप " को जन सकती है ! 
यानी असंभव के साथ सम्भव ही प्रदीप है
और असंभव को सम्भव करे जो वह जगत में एक मात्र माँ है ! 
हां मैं प्रदीप "प्रायद्वीप " हूँ 
समुद्र नहीं एक माँ का जना बेटा प्रदीप 
समुद्र जैसी भावनाए लेकर चलने वाला 
साहित्यकार प्रदीप
तीन नदियों किनारे ब्युत्पन्न प्रदीप " प्रायद्वीप " 
हां मैं ऐसा ही हूँ मित्रो .....
तभी तो 
मैं प्रदीप " प्रायद्वीप" हूँ ....!! 
सादर - 
प्रदीप दुबे 

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