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Tuesday, September 2, 2014

प्यार ईश्वरीय होता


अगर प्यार नहीं है तो उसका ज़िक्र क्यों ?
और अगर प्यार है तो फिर फिक्र क्यों !!
प्यार को सिर्फ बातों में कहे-सुने ही नहीं बल्कि
इसे ज़िंदगी के कठिन और दुरूह रास्तों पर चलते हुए महसूश भी करे ! आपका प्यार आप के इर्द - गिर्द
आपके आस-पास आपके लिए सुरक्षा कवच बनकर आपकी सुरक्षा में खड़ा मिलेगा, भले ही वह आपसे हज़ारों मील दूर क्यों ना हो ! सच्चा प्यार ही हमे गर्दिश में संभालता है और हमारा हाथ पकड़ कर अकेले ना होने का हमे ऐहसास भी कराता है ! सच में प्यार ईश्वरीय होता है, प्यार पूजा होता है, सच्चे प्यार में ही इतनी शक्ति निहित होती है की वह किसी को भगवान तो किसी को याचक बना देता है  !
द्वारा
प्रदीप दुबे

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