प्रकृति
जब न्याय करती है तो किसी के साथ भेद - भाव नहीं करती
आज
देखिये ना 68 सालो से त्रासदी और
आतंक झेल रहा जम्मू-कश्मीर
झेलम
की बाढ़ में नहा कर पाक - पाक हो गया है !
प्रकृति
ने अपनी इस आहट से पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया को संकेत
दिया
है की -
किसी
को बसाने और मिटाने की ताकत सिर्फ और सिर्फ मुझमे है ,
मै
ही बसा सकती हूँ, और मै ही मिटा सकती
हूँ , मेरे नियम कानून
में
दखल देने का दुःसाहस करने वालो को मै ऐसे ही सबक सिखाती हूँ !
अभी
तो मैंने कचरा साफ़ किया है लेकिन ये सफाई ही कश्मीर में
आतंकवाद
के खात्मा और मानवता के स्थापना का वाहक बनेगी
भविष्य
में बेघर हुए कश्मीरी पंडितो के घरो का निर्माण भी करेगी
और
कश्मीर में उनके आने के लिए वो हर दरवाज़ा वो हर रास्ता
खोलेगी
जिसे एक दुशाहसी ने अपने नापाक इरादो के चलते बंद कर दिया था !
आवो
आज सब मिल कर कश्मीर में मानवता की नीव रखो मानवता खतरे
में
है उसके लिए सहायता स्तंभ बनकर आगे आवो ,
बह
जाने दो आज झेलम की बाढ़ में सारे विकार,
शुद्ध - सच्चे मन से
मानवता
के लिए सब मिलकर आवो एक साथ खड़े हो जाओ और दिखा दो
दुनीया
को की हज़ारो हज़ार सदियों से भारत दुनिया के मानचित्र पर क्यू सर
उठाकर
खड़ा है ...?
उसके
हर नियम धर्म कानून में प्रकृति और मानवता को सर्वोच्च स्थान क्यू
दिया
जाता रहा है ..!
जय
हिन्द !!
सादर
-
प्रदीप
दुबे
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