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Friday, February 14, 2014

होने दो अब प्राणों से प्राणों का परिचय ........ 
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होने दो अब 
प्राणों से - 
प्राणों का परिचय , 

मिलने दो साँसों को - 
साँसों से , 

मौन मंत्र दे दो 
अधरों को , 

बुनने दो 
स्वप्नों को 
शब्दों के नविन जाल ..... 

जीवन की - 
इस नीरव यात्रा से - 
थक कर 
पल - दो पल - 
मन - पंक्षी को - 
कर लेने दो 
विश्राम ......... 

न तुम बोलो 
न हम बोले कुछ 
दे दो - 
नेह - निमंत्रण - 
पुनः मिलन का 
आँखों को , 

विरह वेला से पूर्व 
हो लेने दो 
जग- छलिया से 
पूर्ण और चीर पहचान , 

जो थीं - 
पद चिह्नों से - 
अबतक अनजान 
उन सूनी राहों को - 
बना लेने दो आज -
यात्रा के अमित निशान ......... !! 

द्वारा - 
प्रदीप दुबे 

((मेरे काव्य संग्रह- यात्रा से मेरी एक रचना अपने सुधि पाठकों के लिए सप्रेम ))

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