होने दो अब प्राणों से प्राणों का परिचय ........
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होने दो अब
प्राणों से -
प्राणों का परिचय ,
मिलने दो साँसों को -
साँसों से ,
मौन मंत्र दे दो
अधरों को ,
बुनने दो
स्वप्नों को
शब्दों के नविन जाल .....
जीवन की -
इस नीरव यात्रा से -
थक कर
पल - दो पल -
मन - पंक्षी को -
कर लेने दो
विश्राम .........
न तुम बोलो
न हम बोले कुछ
दे दो -
नेह - निमंत्रण -
पुनः मिलन का
आँखों को ,
विरह वेला से पूर्व
हो लेने दो
जग- छलिया से
पूर्ण और चीर पहचान ,
जो थीं -
पद चिह्नों से -
अबतक अनजान
उन सूनी राहों को -
बना लेने दो आज -
यात्रा के अमित निशान ......... !!
द्वारा -
प्रदीप दुबे
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