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Friday, February 14, 2014

यात्रा 
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पथ के कांटे 
जब लगते फूल . 
चलते सपनें - 
जब आगे - आगे 
ज्योंति कोई - 
आशा की 
जब जलने लगती 
नैनों में ...... 
तुम तब समझो 
अब आने वाली - 
जीवन में - 
कोई यात्रा हैं ........... !! 

द्वारा - 
प्रदीप दुबे

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