यात्रा
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पथ के कांटे
जब लगते फूल .
चलते सपनें -
जब आगे - आगे
ज्योंति कोई -
आशा की
जब जलने लगती
नैनों में ......
तुम तब समझो
अब आने वाली -
जीवन में -
कोई यात्रा हैं ........... !!
द्वारा -
प्रदीप दुबे
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