अगर जीवन में यात्रा है ...
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सुख में भी -
दुःख में भी -
एक मौज है ......
अगर जीवन में -
यात्रा है ............... !
नदी की
लहरों जैसी यात्रा
सागर से नदी के
मिलने की यात्रा ,
झरनों का -
पहाड़ो की
बाँहों से छूटकर
धरा के होंठों को
चूम लेने की यात्रा ,
धरा की बाँहों में
झूल जाने की यात्रा ,
पतझड़ के बाद -
वसंत के आने की यात्रा ,
कली के -
घूँघट ओढने की यात्रा ,
और कभी
घूँघट का यह -
बंधन तोड़कर
फूलों के -
मुस्कुराने तक की यात्रा ,
कभी सब कुछ -
भूल जाने की यात्रा ,
शुन्य में खो जाने की यात्रा ,
तो कभी यादों में -
बह जाने की यात्रा -
दर्द की टीश ( चूभन) पर
शौक से -
इतराने की यात्रा .... !!
द्वारा -
प्रदीप दुबे
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